वही झूठे भ्रम अब सिर्फ जीने के सहारे हैं। वही झूठे भ्रम अब सिर्फ जीने के सहारे हैं।
वह घर घर नहीं, जो हवादार नहीं है। वह घर घर नहीं, जो हवादार नहीं है।
रहता है ज्यों का त्यों ही और छाँव देता बरगद इतना विशालकाय भी जड़त्वीय है बरगद और बर रहता है ज्यों का त्यों ही और छाँव देता बरगद इतना विशालकाय भी जड़त्वीय ह...
न मैंने तुम्हारा ख़्वाब देखा, न कोई ख़याल बुना न मैंने तुम्हारा जवाब पढ़ा, न कोई सवाल न मैंने तुम्हारा ख़्वाब देखा, न कोई ख़याल बुना न मैंने तुम्हारा जवाब पढ़ा, न...
उनकी चाहत में जुगनू सी पल पल जली मैं बढ़ गये अपने कदम मुहब्बत की गली में। उनकी चाहत में जुगनू सी पल पल जली मैं बढ़ गये अपने कदम मुहब्बत की गली में।
मोहब्बत अगर गुनाह है तो मंजूर है मुझे फांसी, मोहब्बत अगर गुनाह है तो मंजूर है मुझे फांसी,